भूल भी थी कैसी
कुण कुण रे कुण कुण रे
कांटे ही कांटे यहाँ
दम लेने दो नफरत के
आई रे काली बदली आई
राही जब से आया मैं तेरी नगरिया
ये नैया बड़ी पुरानी और डगमग करती भैया
गायें घूम-घूम -घूम कितना पाया क्या खोया
मिलेंगे बिखरे हुओं के
मुझे ना तुमसे गिला है कोई
कौन थी आशा थी तुम्हारी
उसके परस बिन मनवा है सूना
बहका दिया किसी ने
बनी ना बिगड़ेगी रे
पवन गुन गुना गीत गाता है
कहा था कि देखो
आग से खेल वे
मिटे तो हुआ क्या
छुप बैठा कोई रे
मन का पंछी दूर गगन में
भूल्या बिसरया भाईडां ने
सरल है फूलों पे सोना
आजा मौसमे बहार तू कहाँ
क्रांति का बजरा
हमें बहका न कोई लाया है
राह मिल गई साथ हो गए
मैं बनजारा हूँ
कितनी आग भरी तेरी प्यास में
अँधेरा है कितना और दीप कितने
नए आने वालो
जागरण की वेला का
होनहार के खेल - 5
होनहार के खेल -4
होनहार के खेल -3
होनहार के खेल -2
होनहार के खेल -1
क्षिप्रा के तीर -6
क्षिप्रा के तीर -5
क्षिप्रा के तीर -4
स्वप्न
क्षिप्रा के तीर -3
क्षिप्रा के तीर -2
क्षिप्रा के तीर -1
चेतक की समाधि से -6
चेतक की समाधि से -5
चेतक की समाधि से -4
कुण कुण रे कुण कुण रे
कांटे ही कांटे यहाँ
दम लेने दो नफरत के
आई रे काली बदली आई
राही जब से आया मैं तेरी नगरिया
ये नैया बड़ी पुरानी और डगमग करती भैया
गायें घूम-घूम -घूम कितना पाया क्या खोया
मिलेंगे बिखरे हुओं के
मुझे ना तुमसे गिला है कोई
कौन थी आशा थी तुम्हारी
उसके परस बिन मनवा है सूना
बहका दिया किसी ने
बनी ना बिगड़ेगी रे
पवन गुन गुना गीत गाता है
कहा था कि देखो
आग से खेल वे
मिटे तो हुआ क्या
छुप बैठा कोई रे
मन का पंछी दूर गगन में
भूल्या बिसरया भाईडां ने
सरल है फूलों पे सोना
आजा मौसमे बहार तू कहाँ
क्रांति का बजरा
हमें बहका न कोई लाया है
राह मिल गई साथ हो गए
मैं बनजारा हूँ
कितनी आग भरी तेरी प्यास में
अँधेरा है कितना और दीप कितने
नए आने वालो
जागरण की वेला का
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