किसने बहाना ढूंड के
रक्त तिलक करले
मै निर्झर हूँ
सपने भोर हो गई
लहरों में आ
फिर से शमाएं जल उठी
फूल खिलेंगे धीरज धरिये
कुछ संभल सको तो
नीला गगन हो मस्त साथी
पा रहे है क्यों सजा ?
चढ़ना हो पूजा में तो
मांझी है हम सागर के
विजय का स्वयंवर
मात्र युद्ध !
वाह बुंदेलखंड ! वाह !! धन्य मालवा ! धन्य !!
वंदना के गीत मेरे
वाह अजमेर ! वाह !!
जलवे अनेक रण के
वाह ! सौराष्ट्र वाह !!
धन्य गुजरात ! धन्य !!
वाह डूंगरपुर ! वाह !!
वाह रे कच्छ ! वाह !!
धन्य प्रतापगढ़ ! धन्य !!
वाह शाहपुरा ! वाह !!
धन्य बूंदी ! धन्य !!
वाह करौली ! वाह !!
रक्त तिलक करले
मै निर्झर हूँ
सपने भोर हो गई
लहरों में आ
फिर से शमाएं जल उठी
फूल खिलेंगे धीरज धरिये
कुछ संभल सको तो
नीला गगन हो मस्त साथी
पा रहे है क्यों सजा ?
चढ़ना हो पूजा में तो
मांझी है हम सागर के
विजय का स्वयंवर
मात्र युद्ध !
वाह बुंदेलखंड ! वाह !! धन्य मालवा ! धन्य !!
वंदना के गीत मेरे
वाह अजमेर ! वाह !!
जलवे अनेक रण के
वाह ! सौराष्ट्र वाह !!
धन्य गुजरात ! धन्य !!
वाह डूंगरपुर ! वाह !!
वाह रे कच्छ ! वाह !!
धन्य प्रतापगढ़ ! धन्य !!
वाह शाहपुरा ! वाह !!
धन्य बूंदी ! धन्य !!
वाह करौली ! वाह !!
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