मारग में पंथी तू चलना संभल के
जल जल कर उठने वालों को
जब महाकाल संघर्ष मचाता
मखमल पर जो सोते है मजा काँटों का क्या जाने ?
बन्धनों को तोड़ करके
आई हे भाई विदा
लो उतर पड़ी नैया
जीवन के अन्तस्थल में
अब भी क्षत्रिय तुम उठते नहीं
हिन्दू के कुल के उजियारे
जाति के उत्थान पतन की
परम पूज्य पावन चरणों में
क्षात्र धर्म की शान रखाने
जगावें जग में अनुपम ज्योति
मरुभूमि के मध्य
क्षात्र धर्म के पुनरोदय से
भारत का मान बिन्दु
स्व.पु.श्री तनसिंहजी द्वारा लिखित पुस्तकें
स्व.पु.श्री तनसिंह जी: एक अद्भभुत व्यक्तित्व का परिचय
वैरागी चित्तोड़ -2
बलि पथ के सुंदर प्राण
आराम कहाँ
जल जल कर उठने वालों को
जब महाकाल संघर्ष मचाता
मखमल पर जो सोते है मजा काँटों का क्या जाने ?
बन्धनों को तोड़ करके
आई हे भाई विदा
लो उतर पड़ी नैया
जीवन के अन्तस्थल में
अब भी क्षत्रिय तुम उठते नहीं
हिन्दू के कुल के उजियारे
जाति के उत्थान पतन की
परम पूज्य पावन चरणों में
क्षात्र धर्म की शान रखाने
जगावें जग में अनुपम ज्योति
मरुभूमि के मध्य
क्षात्र धर्म के पुनरोदय से
भारत का मान बिन्दु
स्व.पु.श्री तनसिंहजी द्वारा लिखित पुस्तकें
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वैरागी चित्तोड़ -2
बलि पथ के सुंदर प्राण
आराम कहाँ
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