वाह ! सौराष्ट्र वाह !!

चित्रपट चल रहा था दृश्य बदल रहे थे उन्ही दृश्यों में
मैंने जूनागढ़ गिरनार के राव केहवाट नवधण और राव खंगार को देखा | शक्ति,साहस और पराक्रम के अभूतपूर्व खेल देखे | मैंने वाला एभल को देखा जिसने अपने पुत्र आणा के रक्त से चारण को नहलाया | मैंने जाम सत्ता को देखा जिसने बादशाही सूबेदार शहाबुद्दीन अहमद को पछाडा | मैंने भाणजी जेठवा की रानी कल्ल्नवा को देखा जिसने मेर और रेबारियों की सेना से राणपुर तक अपना खोया हुआ राज्य प्राप्त किया | मैंने बिना सिर योद्धाओं को सात सात कोस तक लड़ते हुए चलते देखा | मैंने सरवहिया जैसे को देखा जिसने गुजरात के सुल्तान मुहम्मद बेडवा की नाक में दम करके दिखाया और अंत तक भी उसके सामने नहीं झुका | मैंने गोहिल भीम के पुत्र अर्जुन और हम्मीर को देवपट्टण के सोमनाथ महादेव का ज्योतिर्लिंग ले जाते अल्लाउद्दीन से लड़ते और जूझते देखा | और मेरे मुंह से बरबस निकल पड़ा -वाह ! सौराष्ट्र वाह !!
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Comments :

1
ताऊ रामपुरिया said...
on 

वाकई बहुत ही अदभुत जानकारी मिल रही है इस ब्लाग पर. आभार आपका.

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