इतिहास याद दिलाये मेवाड़ी जयमल पत्ता की !
मेवाड़ी जयमल पत्ता की जागो ! जागो !!
जली रानियाँ जौहर व्रत ले,अंगारों से खेली थी अंगारों से खेली |
शान बेच कायर की भांति अश्रुधारा ले ली अब अश्रुधारा ले ली ||
भूल गया क्यों भोले, तलवार राणा सांगा की |
तलवार राणा सांगा की- जागो ! जागो !!
केशरिया बन जूझ गए जो हमको गौरव देने हाँ-हमको गौरव देने |
रखते क्यों नही प्राण हृदय में उनकी पीडा लेने रे उनकी पीडा लेने ||
आई प्रलय की बेला है मांग गौरा बादल की !
है मांग गौरा बादल की-जागो ! जागो !!
यहाँ घास की रोटी से वैभव ने हार मानी वैभव ने हार मानी |
इस धरती में गूंज रही जीवन की अमर कहानी-जीवन की अमर कहानी||
वह थाती ना गुमाना,महान हल्दी घाटी की !
महान हल्दी घाटी की-जागो ! जागो !!
चढा नही पूजा में तो फ़िर पैरों से कुचलेंगे-हाँ पैरों से कुचलेंगे |
कल जो कुचले गए आज फ़िर तुमसे बदला लेंगे-वे तुमसे बदला लेंगे ||
बिता युग है कोस रहा,धिक्कार ऐसे जीने को !
धिक्कार ऐसे जीने को-जागो ! जागो !!
क्षत्रिय युवक संघ द्वारा प्रकाशित पुस्तक "झनकार" से
इतिहास याद दिलाये
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स्व.श्री तन सिंह जी कलम से
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