तुम आओगी माँ
अब उठ मेरे मनवा
अब क्यों खडा तू मौन है ओ कौम के जवान
ओ जाग मेरे बलिदान !
हर कठिनाई हर ठोकर पर मेरे दिल तू हँसता जा
जब गम की घटाएँ छाए कुछ हंस के रो देना
दे दो ! दे दो !
चमका भी था गगन में
ए जी थांरा टाबर झुर-झुर रोवै म्हारी माय
बे दर्द बन रे याद में अब जल ढलता है तो ढलने दे
अब उठ मेरे मनवा
अब क्यों खडा तू मौन है ओ कौम के जवान
ओ जाग मेरे बलिदान !
हर कठिनाई हर ठोकर पर मेरे दिल तू हँसता जा
जब गम की घटाएँ छाए कुछ हंस के रो देना
दे दो ! दे दो !
चमका भी था गगन में
ए जी थांरा टाबर झुर-झुर रोवै म्हारी माय
बे दर्द बन रे याद में अब जल ढलता है तो ढलने दे
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